स्टेम - सेल्स आधार कोशिकाओं अथवा ''स्टेम-सेल्स '' की खोज सम्भवतः इस शताब्दी की उतनी ही महानतम खोज है जितनी विद्युत् -ऊर्जा एवं परमाणु - ऊर्जा की खोजें रही हैं । आशा है कि '' स्टेम-सेल्स '' विज्ञानिकी का अभिर्भाव ,चिकित्सा विज्ञानं की रूप-रेखा अथवा उसे पूर्णतया ही बदल के रख देंगे । इस सब से पहले यह जानना जरुरी है कि स्टेम -सेल्स क्या हैं ? किसी भी पेड़ या पौधे के बीज से सबसे पहले '' तने :: स्टेम { Stem } '' का अभिर्भाव होता है और फ़िर इसी तने [stem ] से पेड़ का अस्तित्व शुरू होता है ; स्टेम { तने } से डालियाँ ,टहनियां ,पत्तियां और फल- फूल तथा बीज उत्पन्न हो कर एक नया पेड़ बनता है ; उसी प्रकार आधार- कोशिकाएं वे कोशिकाएं हैं जिनसे जीवधारियों के शरीर के आतंरिक एवं बाह्य सभी अंगों का निर्माण होता है , इसी कारण से इन्हे " स्टेम - सेल्स { Stem- Cells } " कहा गया है । मूलतः ये जीवधारी के गर्भ में स्थित '' भ्रूणीय - कोशिकाओं " की ' ब्लास्टोसिस ' अवस्था होती है , जो भ्रूणीय -कोशिकाओं के चौथे दिन के बाद से आरंभ हो पांचवे से लेकर सातवें दिन के मध्य होती है । इसी ब्लास्टोसिस अवस्था के कारण इन्हे कोशिकाओं की '' ब्लोस्टोमा '' अवस्था भी कहा जाने लगा है । विस्तार से पढ़ें .... |
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और प्रतीक्षा करें अस्पतालों में ऑपरेशंस के स्थान पर क्षति ग्रस्त अंगों के उगाने के लिए भरती होने का ,तब शायद गरीब मजदूरों की किडनिया धोखे से निकालने का धंधा बंद हो जाए ! पर स्मैकिये खून भी नही बेच पाएंगे । और शायद कोई अनिल कपूर की किडनी बेच कर बहन { किसी उत्पल दत्त की बेटी भी हो सकती है } की शादी करने का महान त्याग-पूर्ण रोल नही कर पाएंगे ? उन गरीबों की बहन-बेटियों का क्या होगा ? क्यों कि निकट भविष्य में मुझे ऐसी सामाजिक क्रांति कि संभावना नही दिखाई देती कि समाज इनका उत्तरदायित्व उठाने लगे गा या समाज में ऐसी परिस्थितियां उतपन्न हो जाएँगी कि धनाभाव में बहन बेटियों की शादियाँ नही रुकेंगी ????????????????!!!!!!!!!!!!!!
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