" अमर उजाला दिनांक 18-10-2008::शनिवार <>"चाहत है खिले रूप की::आशिकी करलो धूप की" <> महा नगरों ,बहु-मंजिला इमारतों एसी में रहने वाले वे लोग जो धूप से बचने के बहाने ढूंढा करते है उन्हें सावधान कराती एक शोध परिणामों की एक ख़बर यह भी है ;"विशेष रूप से आज के नौजवानों से ,अपने वर्त्तमान में जितना इसका लाभ उठायेंगें उतना ही बुढापा संवार ले जायेंगे "<> पर साथ साथ अपने ''लक्कड़-चच्चू रहिमन " की बात भी ना भूलियेगा "अति का भला ना,बरसना ;अति की भली ना, धूप " |
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इस ब्लॉग - पोस्ट के बारे में इतना कहना है कि इस में दो कालम होंगे एक ख़बर दार खबरें जो जानकारियाँ इधर उधर से आपके सामने लाई जातीं रहेंगी दूसरे हिस्से में उसके बारे में अभी ना पूछिए || तकनिकी जानकार नही हूँ ,जो कुछ सीख है वह मूलतः "हिन्दी ब्लॉग टिप्स " के गुरु जी आशीष खंडेलवाल जी के सौजन्य से है; इस लिए अभी तो अनगढ़ कालम बनाए है ;समझने की कोशिश कर रहा हूँ कोशिश यही है कि पोस्टिंग फार्म में ही ऐसे दो कालम हो जाए कि इस पोस्ट में तो दो कालम चलते रहे और अन्य में जब चाहूँ पूरा फार्म एकही पेज या कालम का रखूँ और जब चाहूं उसे कई कालमों में बाँट सकूं || पाठक साथियों एवं गुरु जी से सहयोग आपेक्षित है ||
सभी साथियों को ब्लागस्ते |
अन्योनास्ति कबीरा
" कालचक्र" पर सवार " झरोखा "से
21 अक्टूबर 2008 को 11:06 pm बजे
... लगे रहो, एक दिन झरोखा कमाल करेगा।
22 अक्टूबर 2008 को 8:05 pm बजे
ठीक है किंतु अजीब सी सेटिंग है
कोई बात नहीं हम परिचित हो जाएंगे
स्वागतम
22 अक्टूबर 2008 को 8:26 pm बजे
स्वागत.
23 अक्टूबर 2008 को 12:00 am बजे
नए चिट्ठे के साथ ...
नई अलख जगाने के लिए
स्वागत है आपका..!
अच्छी शुरुवात.