" ख़बर झरोखा "

By '' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: on 10/22/2008 11:04:00 am ,
चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी">चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी" title="चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी" खबरदार ख़बर "मैयो इब मैं चंद्र-खिलौनों नाही ................................................................पूरो चन्द्रो लूंगो "
<> ० श्री हरिकोटा ,अन्तरिक्ष केन्द्र ,आन्ध्र प्रदेश [पूर्वी तट ] भारत वर्ष /
० दिन बुद्धवार 22 अक्तूबर 2008 भारतीय समय प्रातः 6 बज कर 22 मिनट ||
<>० भारत का पहला मानव-रहित " नक्शेबाज " चंद्रयान-प्रथम {मेरे द्वारा नामकरण " पुष्य " } चन्द्रमा के सफर पर रवाना ; अठारह दिनों बाद लक्ष्य पर पहुंचेगा || <> ० चंद्रयान पर लागत लगभग 3.86 अरब रु० से अधिक आई है ० यात्रा अवधि न्यूनतम 18 दिन ;यात्रा की तैयारियों में लगा समय चार वर्ष लगभग ० यात्रा वाहन राकेट पी.एस .एल.वी. 11 पूर्णतः स्वदेशी ० क्रिया-शील आयु , दो वर्षों से अधिक की सम्भावना ० सौर-ऊर्जा से संचालित चंद्रयान का भार 1380 किलोग्राम <> ० चांद्रयान पर पाँच भारतीय ,तीन यूरोपीय ,दो अमेरिकी तथा एक बुल्गारियन कुल ग्यारह [ 11]
यांत्रिक यात्री सावार [पे-लोड ; वैज्ञानिक उपकरण ]

ऐ चाँद अब हम आतें हैं

औरों ने तो बिन्दु छुए
हम पूरे चाँद पर छाते है ||

ऐ चाँद अब हम आतें हैं ||
=================================================================================
क्यों की पुष्य नक्षत्र में चंद्रयान का प्रक्षेपण हुआ है इसी कारण से पुष्य नामकरण मेरे द्वारा किया गया है ||
भारत का चन्द्रमा अभियान अन्य देशों से इस अर्थ में अलग होगा कि अन्य देश अभी तक केवल चन्द्रमा के किसी विशिष्ट बिन्दु या क्षेत्र विशेष पर ही अपने को केंद्रित रखते रहे हैं ;जब कि इसरो के अध्यक्ष श्री माधवन नायर के कथनानुसार चंद्रयांन-एक चन्द्रमा के पूरे धरातल का चित्र \\ नक्शा बनाएगा [इसी कारण से मैंने शुरू में ही इसे " नक्शेबाज़ " कहा है ] इस आभियान की सफलता अन्तरराष्ट्रीय विश्व में भारत की प्रतिष्ठा को बाहुत ज्यादा बढ़ा देगी ||
खबर="पुछल्ला "===> माहोली के के मैदान में भारतीय 'टाईगर्स ' ने ' कंगारुओं ' को धराशायी करते हुए झिंझोड़ कर रख दिया || आर्थिक ' रिंग ' से>>>>>
० करें जतन कोई , रेल माल ढुलाई को मन्दी मार लगा गयी \\
० सोना सो गया ,चांदी चक्करा गयी मन्दी मार लगा गयी \\
० पी. एफ. का पैसा लगेगा बाज़ार में मन्दी मार लगा गयी \\
० अभी मोटापा ना आयेगा तेल की धार में मन्दी मार लगा गयी \\
० काम ना आया ' रेपो-रेट ' सेंसेक्स उल्टी गुलाटी खा गयी मन्दी मार लगा गयी \\
० बैठिये महिन्द्रा की हाईब्रिड स्कार्पियो कार में मंदी मार ...........?????
राजनीति के मैदान से ::=== >० संसद में विपक्ष के नेता श्री लाल कृष्ण अडवानी ने सभी भाजपाई सांसदों निर्देशित किया कि वे पाँच राज्यों के विधान सभा चुनावों में जुटें | जिनके राज्यों में चुनाव हो रहे हैं वे तो अपने अपने राज्यों में लगेगें ही ,और जिन राज्यों में चुनाव नही होरहे हैं वे भी इसे आगामी लोक-सभा चुनावों का पूर्वाभ्यास मान कर इसमें जुट जाएँ |
0 टिप्पणी,आप क्या
पहली टिप्पणी आप करें
===================================================================आगे की
द्वितीय प्रवाह
चंद्र यान -१ की कक्षा में पहला संशोधन बृहस्पति 23 अक्टोबर 2008 को किया गया | 440 न्यूटन द्रव्य इंजन को 18 मिनट चला कर चंद्रक की पृथ्वी की कक्षा के दूरस्थ बिन्दु [अपोजी ] को उड़ान के बाद की आरंभिक स्थिति 22860 किलो मीटर से बदल कर 37900 किलो मीटर तथा कक्षा के निकटतम बिन्दु [ पेरिजी] को बदल कर 225 से 305 किलो मीटर कर दिया गया | पहली कक्षा में चंद्रक [चंद्र यान - ] को पृथ्वी की परिक्रमा कराने में जहाँ लगभग सादे छः घंटे लगा रहे थे ,वहीं अब लगभग 11 घंटों का समय लगेगा || आने वाले दिनों में जैसे जैसे चन्द्रक ,चन्द्रमा की ओर बढ़ता जाएगा इसकी कक्षा एवं गति में आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन किये जाते रहेंगे ,यान में लगे सभी व्यवस्थाएं एवं यंत्र सही ढंग से कार्य कर रहे हैं || ****************-----------------------------------------------*********-----------------------------------------************** चंद्रक यान के पीछे की जोरदार खबरें >>>>>> देश प्रेम के महान उदाहरण के रूप में इस चंद्र यान मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों के "जज्बे को सलाम'" === इस योजनासे जुड़े के कई वैज्ञानिकों ने "कुछ हजार की सरकारी नौकरी " करते हुए राष्ट्र के गौरव इस मिशन से जुड़े रहने को अपना धर्म समझ ते हुए , इस बीच अपने सामने आए ५०-५० :: १००-१०० गुना अधिक वेतन के विदेशियों द्वारा कई -कई बार दिए गए प्रस्तावों को ठुकरा दिया | [सौजन्य से :- अमरउजाला दैनिक ,इलाहाबाद ] अगर हम भारत के अन्तरिक्ष-यान शोध ,विशेष रूप से चंद्र -यान- मिशन की तुलना नासा ,रुसी , यूरोपीय ,चीन आदि के अभियानों से करते हैं तो पाते हैं कि जहाँ उनके अभियान पर खरबों डालर व्यय हुए हैं ,वहीं भारत ने मात्र दो जेट विमानों की कीमत जो लगभग पौने चार अरब रूपये होंगे ; में अपना चंद्र यान चन्द्रमा की ओर रवाना कर दिया जिसके अभी तक के सभी चरण योजनानुसार सफल रहे हैं | यह अब तक का सबसे सस्ता अन्तरिक्ष मिशन माना जा रहा है ,भारत ने भी पहली बार पृथ्वी की कक्षा से से बाहर निकल कर दूर अंतरिक्ष में किसी अन्य ग्रह की कक्षा में [चन्द्रमा को उपग्रह माना जाता है ] अपने उपग्रह-यान को स्थापित कराने का प्रयत्न किया है \\ यह भारत के वैज्ञानिकों की योग्यता के प्रति विश्वास की पराकाष्ठा ही है कि भारत का अनजाने खतरों से भरा पहला सबसे लम्बा - अंतरिक्ष अभियान फ़िर भी चंद्र यान में यूरोप के तीन ,अमेरिका के दो बुलगारिया के एक यानी छः , भारत के पाँच को छोड़ कर अर्थात कुल ११ यांत्रिक यात्री चंद्रक पर सवार हैं | खर्च बचाने के लिए भारत ने बड़े खिलाड़ियों द्वारा पुरानी घोषित कि जा चुकी स्पिन लैंडिंग प्रणाली का उपयोग इसमे किया है |

Comments

0 Response to '" ख़बर झरोखा "'

एक टिप्पणी भेजें

Blog Widget by LinkWithin